पशु को मिनरल मिक्सचर खिलाना क्यों ज़रूरी !

इस पर विस्तार से विचार करना आवश्यक है, क्योंकि सामान्य आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, और विटामिन्स की पूर्ति तो हो जाती है, लेकिन मिनरल्स की पूर्ति पूरी तरह से नहीं हो पाती। मिनरल्स जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, और सेलेनियम आदि, पशु के शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। इनकी कमी से पशु की कई शारीरिक क्रियाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, खासकर प्रजनन स्वास्थ्य पर। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर पशु को आवश्यक मिनरल्स नहीं मिलते, तो इसकी वजह से बांझपन (Infertility) की समस्या उत्पन्न होती है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग 70% पशुओं में मिनरल्स की कमी के कारण प्रजनन स्वास्थ्य में समस्या होती है, जिससे वह समय से हीट में नहीं आते, गर्भाधान में कठिनाई होती है, और इससे उनके प्रजनन चक्र में अवरोध उत्पन्न होता है।

इसलिए, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि पशु को मिनरल मिक्सचर दिया जाए ताकि वह इन आवश्यक मिनरल्स से वंचित न हो। खासकर बछड़ों की सेहत के लिए मिनरल मिक्सचर का नियमित सेवन अनिवार्य होता है। बच्चों को जन्म के बाद 15 दिन से तीन महीने तक प्रतिदिन 10 से 20 ग्राम मिनरल मिक्सचर देना चाहिए, ताकि उनके विकास में किसी भी तरह की कमी न हो। तीन महीने से छह महीने तक इस मात्रा को बढ़ाकर 30 ग्राम किया जाता है, और छह महीने के बाद, बछिया को प्रतिदिन 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर दिया जाता है। यह बढ़ी हुई मात्रा बछिया के शारीरिक विकास को तेज़ करती है, जिससे वह जल्दी हीट में आती है और स्वास्थ्य के लिहाज से मजबूत बनती है।

सही प्रकार से मिनरल मिक्सचर देने से बछिया 14 से 15 महीने की उम्र में हीट में आ सकती है और लगभग 23 से 24 महीने की उम्र में वह ब्याँ करने के लिए तैयार हो जाती है। इस समय तक उसकी शारीरिक और प्रजनन क्षमता पूरी तरह विकसित हो चुकी होती है, और वह गर्भधारण के लिए तैयार होती है। यदि पशु को मिनरल मिक्सचर की सही मात्रा समय-समय पर नहीं दी जाती, तो यह उसकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे वह समय पर ब्याँ नहीं कर पाता, या उसकी प्रजनन अवधि में बढ़ोतरी हो जाती है, जिससे आर्थिक दृष्टिकोण से नुकसान हो सकता है।

जब पशु को ब्याँ करवा लिया जाता है, तब भी यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसे 70 से 100 ग्राम मिनरल मिक्सचर रोज़ दिया जाए। ब्याँ के बाद मिनरल्स की सही मात्रा से पशु का दूध उत्पादन बढ़ता है, और वह स्वस्थ रहता है। इसके अतिरिक्त, मिनरल मिक्सचर के सेवन से पशु की पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, जिससे उसकी आंतरिक क्रियाएँ सामान्य रूप से चलती रहती हैं। इससे पेट की समस्याएँ जैसे कब्ज़ या अपच की समस्याएँ भी कम होती हैं।

मिनरल मिक्सचर से पशु की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। जब पशु को नियमित रूप से सही मात्रा में मिनरल्स मिलते हैं, तो उसकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, और वह विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से बचाव कर पाता है। इससे उसकी जीवन-शक्ति भी बनी रहती है और उसका समग्र स्वास्थ्य बेहतर रहता है। साथ ही, सही समय पर हीट आने और स्वस्थ प्रजनन चक्र के कारण पशु अधिक मात्रा में दूध देने में सक्षम होता है, जिससे दूध का उत्पादन बढ़ता है, और यह पशुपालक के लिए अधिक लाभकारी साबित होता है।

इस प्रकार, मिनरल मिक्सचर केवल प्रजनन क्षमता को ही नहीं, बल्कि पशु के समग्र स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करता है, जिससे वह न केवल समय पर ब्याँ करता है, बल्कि अधिक दूध देता है और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत रहती है। इसलिए, मिनरल मिक्सचर का नियमित और सही मात्रा में सेवन पशु की सेहत और उत्पादन क्षमता दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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